25 जुलाई 2018 को सिविल कोर्ट ने शांति देवी व उनके बेटों संजय श्रीवास्तव, कैलाश कुमार, विकास श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव के अलावा श्यामकली, अशर्फी लाल, मो. शाहिद, शशि देवी, अमित श्रीवास्तव के हक में स्टे ऑर्डर दिया था। इसके खिलाफ नगर निगम की ओर से सेशन कोर्ट में अपील की गई थी। अपील खारिज होन के बाद अब मामला कब्जेदारों के हक में आ गया है। नगर निगम के एडवोकेट प्रमोद भटनागर ने बताया कि उन्हें कोर्ट की प्रमाणित आदेश की कापी नहीं मिली है। इस संबंध में निगम अफसरों से वार्ता की जाएगी। इसके बाद हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
शांति देवी की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा कि कालीबाड़ी निवासी लालमन ने नगरपालिका से प्लाट संख्या 138 ब्लाक डी की नीलामी में 23 दिसम्बर 1951 में अधिकतम बोली लगाई थी। नीलामी मंजूर होने पर रजिस्टर्ड बैनामे के जरिए इसे खरीदा था। पालिका ने लालमन के हक में प्लाट कर दिया। लालमन की मौत के बाद उनके बेटे ज्वाला प्रसाद ने अपने हिस्से की कुछ जमीन संजय नगर निवासी राजू को बेच दी थी। राजू ने तीन बैमाने के जरिये यह जमीन शांति देवी, श्यामकली और मोहम्मद शाहिद को बेच दी। इन लोगों ने डेलापीर तालाब के गड्डों को भरने का कार्य शुरू किया तो नगर निगम ने तालाब पर अपना अधिकार जताते हुए रोक दिया था। इस पर भू स्वामियों ने कोर्ट की शरण ली थी।