बता दें कि मंगलवार को ही तीन निर्दलीय विधायक ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। समर्थन वापस लेने वालों में सोमवीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गौंडर का नाम शामिल है। तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था।
चौटाला देंगे कांग्रेस का साथ
इधर, जजपा नेता ने भी कांग्रेस के साथ जाने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा, ‘दो महीने पहले बनी बीजेपी सरकार अब अल्पमत में है, क्योंकि उनका समर्थन करने वाले दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। एक भाजपा के थे और एक निर्दलीय थे। उनका समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है और राज्यपाल को पत्र लिख दिया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जेजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि अगर इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, तो हम इसका समर्थ करेंगे। हमने इस संबंध में राज्यपाल को भी लिख दिया है। कांग्रेस को यह कदम उठाना ही होगा। राज्यपाल के यह देखने के लिए कि सरकार के पास ताकत है नहीं, फ्लोर टेस्ट बुलाने और अगर बहुमत नहीं है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की शक्ति है।’
क्या है हरियाणा विधानसभा में सियासी समीकरण
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में फिलहाल 88 विधायक हैं, ऐसे में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 45 का आंकड़ा छूना होगा। फ़िलहाल सरकार को 43 विधायकों का समर्थन हासिल है, जिसमें भाजपा के 40, आज़ाद के 2, और हरियाणा लोकहित पार्टी के 1 विधायक गोपाल कांडा शामिल हैं।